GeetaNiti.in
भगवद गीता से प्रेरणा लें, हर दिन एक नई शुरुआत करें
🌸 Featured Shloka – श्लोक 2.47 🌸
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि॥
हिंदी अर्थ: तुम्हारा अधिकार केवल कर्म करने में है, फल में नहीं। इसलिए कर्म को फल की इच्छा से मत करो और न ही अकर्म में आसक्त हो।
प्रेरणा: यह श्लोक हमें सिखाता है कि हमें अपने कार्य पर ध्यान देना चाहिए, फल की चिंता नहीं करनी चाहिए। यही सफलता का मूल मंत्र है।
📖 Daily Shloka
हर दिन एक नया श्लोक पढ़ें और उसका अर्थ समझें। यह आपकी मानसिक शक्ति को बढ़ाएगा और जीवन में संतुलन लाएगा।
🎯 Student Motivation
भगवद गीता छात्रों को आत्म-विश्वास, धैर्य और कर्म की शक्ति सिखाती है। परीक्षा की तैयारी में यह एक अद्भुत मार्गदर्शक है।
🚀 Course Coming Soon
जल्द ही हम भगवद गीता पर आधारित कोर्स शुरू करेंगे जिसमें अध्यायों का सार, श्लोकों का अर्थ और जीवन में उनका उपयोग सिखाया जाएगा।
“`